tag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post4481938360251720186..comments2023-10-29T15:33:03.034+05:30Comments on दीपक बाबा की बक बक: मैं कहाँ पहुँच गया हूँ...दीपक बाबाhttp://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-68918373329616721642010-10-30T22:21:54.087+05:302010-10-30T22:21:54.087+05:30आपने महसूस किया और लिख दिया.. हम महसूस भर करके रह ...आपने महसूस किया और लिख दिया.. हम महसूस भर करके रह जाते हैं.. कहना नहीं हो पता.. खुद से भी नहीं.. अगर मन में कहीं कोई आवाज़ उठती है तो बस.. अगली आवाज़ आती है - be practical..<br /><br />manoj khatriManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-28334837921855150912010-10-28T07:42:10.465+05:302010-10-28T07:42:10.465+05:30बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुती...बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुती...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-58583665264929454502010-10-26T13:05:01.542+05:302010-10-26T13:05:01.542+05:30अपनी हैगी काशी तो फिर क्यों जाऊं मैं काबा
धन्य भ...अपनी हैगी काशी तो फिर क्यों जाऊं मैं काबा<br />धन्य भाग हमारे जो तुम मिल गए हे बाबा !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-68060102519819623542010-09-24T15:35:52.745+05:302010-09-24T15:35:52.745+05:30समय बदल रहा है तुम भी बदल जाओ, अब दरवाज़ा इन्टरनेट ...समय बदल रहा है तुम भी बदल जाओ, अब दरवाज़ा इन्टरनेट और फ़ोन हो चूका है और आधा दिन तुम इस दरवाज़े के आगे बैठते होSURESHhttps://www.blogger.com/profile/11413232746048073150noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-75850479042685933292010-09-16T12:29:44.505+05:302010-09-16T12:29:44.505+05:30सुंदर प्रस्तुति.
यहाँ भी पधारें:-
अकेला कलम...सुंदर प्रस्तुति.<br />यहाँ भी पधारें:-<br /><a href="http://akelakalam.blogspot.com" rel="nofollow">अकेला कलम...</a>SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-24935518870505829722010-09-15T17:18:54.278+05:302010-09-15T17:18:54.278+05:30परन्तु उसी समय दिल में बाबा भी जाग उठे ........ धि...परन्तु उसी समय दिल में बाबा भी जाग उठे ........ धिक्कारने लगे...... कितने लोग आते हैं तुम्हे मिलने........ इस घर में कितने लोगों का स्वागत करते हो......<br /><br />बढ़िया लेखन ..... मंगल कामनाये आपके लिए की आप ऐसा ही अच्छा लिखते रहे ..<br /><br /><br />मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-<br />http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.html<br />कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...गजेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14299561081216186994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-2485013896028469632010-09-13T19:29:34.652+05:302010-09-13T19:29:34.652+05:30प्यो ते पूत जात ते घोड़ा बहुत नहीं ते थोड़ा थोड़ा...प्यो ते पूत जात ते घोड़ा बहुत नहीं ते थोड़ा थोड़ाjamos jhallahttps://www.blogger.com/profile/13984195512782941103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-1251480940226879792010-09-10T16:00:34.007+05:302010-09-10T16:00:34.007+05:30शराब धीरे-धीरे खून को पानी बना देती है. जिस समाज क...शराब धीरे-धीरे खून को पानी बना देती है. जिस समाज कि तनिक भी चिंता नहीं – कोई मरे या जिए ......... तो उससे शिकायत क्या. तुम्हारे (दीपक) से अछे तो वो नौजवान है जो किसी कि चिंता नहीं करते – अपनी खुशियों में रहते है – समाज को कुछ नहीं देते पर समाज से कोई शिकवा-या शिकायत भी तो नहीं करते......<br />बढ़िया लिखा है आपने ....<br /><br />"" DEEPAK BABA ने कहा…<br />जरूरी नहीं कि हंसी मजाक के लिए भगवान के नाम का उपयोग करे<br />ध्यान दें - क्या आप इसा- मसीह या मोहम्मद साहिब कर चुटकला बना कर पोस्ट कर सकते हो ? "" <br /><br />दीपक जी इसे जरुर पढियेगा ये खास आपके लिए ही लिखा गया है ....<br /><br />एक बार इसे जरू पढ़े -<br />( बाढ़ में याद आये गणेश, अल्लाह और ईशु ....)<br />http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_10.htmlगजेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14299561081216186994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-61112518625491134472010-09-10T00:06:12.700+05:302010-09-10T00:06:12.700+05:30बढ़िया पोस्ट. बधाईबढ़िया पोस्ट. बधाईASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-40204649509928755342010-09-09T21:05:04.111+05:302010-09-09T21:05:04.111+05:30... परन्तु उसी समय दिल में बाबा भी जाग उठे ............. परन्तु उसी समय दिल में बाबा भी जाग उठे ........ धिक्कारने लगे...... कितने लोग आते हैं तुम्हे मिलने........ इस घर में कितने लोगों का स्वागत करते हो...... कितने चाय या खाने पर आते हैं........ शायद कोई नहीं....<br /><br /><br /><br />अरे बाबूजी...<br />एड्रेस लिखे होते...देखिये सबसे पाहिले हम ही धमकते..manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-54784070041127408712010-09-09T20:54:26.709+05:302010-09-09T20:54:26.709+05:30bahoot jalte sawal hai ajj ki is peedi ke lye........bahoot jalte sawal hai ajj ki is peedi ke lye...............bahoot khoob.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-48053262066459613222010-09-08T21:14:51.576+05:302010-09-08T21:14:51.576+05:30@संजय, (मो सम कौन) भाई ज्यादा इतबार इस बाबा पर मत ...@संजय, (मो सम कौन) भाई ज्यादा इतबार इस बाबा पर मत करना.......दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-53922523746161841802010-09-08T21:11:18.986+05:302010-09-08T21:11:18.986+05:30जायज सवाल हैं।
लेकिन ऐसा सोचने वाले भी कितने हैं?
...जायज सवाल हैं।<br />लेकिन ऐसा सोचने वाले भी कितने हैं?<br />आप सोच तो रहे हैं, कल को करेंगे भी। और करते भी होंगे लेकिन गाते नहीं, संस्कार समझ आ रहे हैं हमें। ........ दरिया में डालने वाले लगते हो बाबाजी, am I right?संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-90894813119049833102010-09-08T20:10:05.192+05:302010-09-08T20:10:05.192+05:30पिताजी से आगे निकलते निकलते – मैं कहाँ पहुँच गया ह...<b>पिताजी से आगे निकलते निकलते – मैं कहाँ पहुँच गया हूँ....... खोज जारी है..........</b><br /><br /><br />जब आपको पता लग जाए तो हमें भी बता दीजियेगा :):)Mahakhttps://www.blogger.com/profile/11844015265293418272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-89447209769682891112010-09-08T16:05:11.337+05:302010-09-08T16:05:11.337+05:30@ कौशल जी, आपकी पलिसी पर आज चल रहे हैं : "sel...@ कौशल जी, आपकी पलिसी पर आज चल रहे हैं : "self analysis is a best analysis"<br /><br />@ नीरज जी, कुछ भी तो समझ नहीं आता - <br />अमर कवि दुष्यंत के शब्दों में :<br />"जीवन के दर्शन पर दिन रात<br />पंडित-विद्वानों जैसी बात<br />लेकिन - मूर्खों जैसी हरकत<br />यह क्यों ? "<br /><br />अपने पर ये बात सटीक बैठती हैदीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-72358555977218892672010-09-08T15:58:27.101+05:302010-09-08T15:58:27.101+05:30पोस्ट की शुरुआत का डायलोग धाँसू है...आपके प्रश्नों...पोस्ट की शुरुआत का डायलोग धाँसू है...आपके प्रश्नों ने व्यथित कर दिया है...ये ऐसे प्रश्न हैं जो किसी भी समझदार संवेदनशील इंसान को व्यथित कर सकते हैं...ये कह कर मैं ये नहीं सिद्ध कर रहा के मैं समझदार और संवेदनशील हूँ...मैं व्यथित हूँ क्यूँ के मैं भी वो सब कुछ करता हूँ जिसे करने के बाद या न कर के दुखी हो रहे हैं...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-48695803183970112342010-09-08T13:23:16.351+05:302010-09-08T13:23:16.351+05:30बढ़ियाबढ़ियामाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7542872812258564292.post-74616308416084548892010-09-08T12:37:23.840+05:302010-09-08T12:37:23.840+05:30self analysis is a best analysis i like it you wil...self analysis is a best analysis i like it you will do somthing special in your own life .<br />आज जब सुबह नींद से जागा तो पता नहीं उठते ही कुछ गर्व हुवा अपने घर पर. बहुत ही सुंदर लगने लगा ............. परन्तु उसी समय दिल में बाबा भी जाग उठे ........ धिक्कारने लगे...... कितने लोग आते हैं तुम्हे मिलने........ इस घर में कितने लोगों का स्वागत करते हो...... कितने चाय या खाने पर आते हैं........ शायद कोई नहीं.dunia badal rahi hai babuAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.com