मानिये प्रधानमंत्री जी। मुबारक हो ॥ बधाई हो .. आपने प्रधानमंत्री के रूप में अपने पांच वर्ष पुरे कर लिए हैं और आपकी तस्वीर पूर्व महान प्रधानमन्त्रियों के साथ सरकारी दफ्तरों में चस्पा की जायेगी. वो बात दीगर है की उस तस्वीर में श्रीमती सोनिया गाँधी जी भी नज़र आएँगी. चाहए वह वाटर मार्क के रूप में ही नज़र आये. पर आयेंगे जरूर.
मुझे याद hai आपका शपथ ग्रह समारोह। याद है वामपंथियों के नाम पर शेयर मार्केट का धराशाही होना। मैडम का दो बार तत्कालीन राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम के पास जाना और वापिस आना। १० जनपथ के बाहर फर्जी कांग्रेसियों की भीड़। सभी कुछ तो याद है. एक कांग्रेसी वो भी याद है जो पिस्टल ले कर पेड़ पर चढ़ गया था. टीवी पर देखते देखते शेयर मार्केट ४००० से नीचे आ गयी थी. अचानक सब बदल गया मैडम ने आपको आगे कर, एक तुरुप का पत्ता चल दिया, मैडम को मालूम था की आप दक्षिण दिल्ली में विजय कुमार मल्होत्रा से लोकसभा चुनाव हार गए थे. प्रणव मुख़र्जी जैसे मंजे हुवे खिलाडी को एक किनारे करते हुवे आपका नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आगे किया. आप क्या सोच रहे है की आपके अंदर प्रधानमंत्री बनाने की प्रतिभा थी, नहीं, मैडम को बस एक डमी प्रधानमंत्री की जरूरत थी, वो सब योगतायें आप में दिख रही थी.
मनमोहन सिंह जी, दिल पर हाथ?? (क्या बताएं, हाथ भी कोंग्रेस का कैसे सच बोलेंगे ) रख कर बताएं , की कोंग्रेस में श्री प्रणव मुख़र्जी जैसे मुखर नेता के होते हुवे आप को (मैडम नें ) प्रधानमंत्री कि रूप में नामित क्यों किया. और आब्की २००९ कि लोकसभा चुनावों में भी आपको आगे रख कर लड़ रहीं है. आप अपनी कारीगरी पर नज़र डालें :
- आपके राज में शेयर मार्किट, २०,००० को पार कर गई, आपको मालूम था की किन लोगों का पैसा इस खेल में लग रहा है, और वो लोग जब अपना पैसा वापिस निकालेंगे को कों पिसेगा, ... यानि की उच्च माध्यम वर्ग, जो आपना एक एक पैसा बचा कर शेयर मार्केट में मुनाफे कि लिए लगा रहे थे। उनको क्या मालूम था की कुर्सी पर एक अर्थशास्त्री बता हुवा है जो आपकी न सुन कर मुल्क से बाहर बेठे आकोयों की सुनता है
- उत्तेर प्रदेश में निठारी बच्चे लील कर थी। हरियाणा में पुलिस फक्टोरी कि बाहर कामगारों की पिटाई कर रही थी पर आपको कहाँ फुर्सत थी। पिस तो धरती कि लाल रहे थे। - कारपोरेट जगत का पैसा, काली कमाई कि रूप में भूमि सम्पदा में निवेश हो रहा था ... आपने अपना चस्मा उधेर नहीं घुमाया।
- एक सत्यम का राजू तो पकडा गया ... बाकि राजू का क्या होगा।
- सेज कि रूप में दिल्ली कि १५० किलोमीटर बाहर जमीन कोडियों कि भावः उद्योगपतियों को दी गई, किसानो का क्या होगा सोचा.
- एक माल में करोडों रुपे का निवेश होता है. .... पर ग्राहक नहीं होते, ये पैसा कहाँ से आता है. और क्यों डैड इनवेस्टमेंट कि रूप में इस्तेमाल होता है.
- आज चुनाव नज़दीक आने पर, आपने मंहगाई दर शुन्य के करीब कर दी है. पर इसका फयदा किसे है॥
- दिल्ली की बात करता हूँ, दिल्ली में फक्टोरियों में, एक हेल्पर जो १८०० से २२०० में मिल जाता था और खुश हो कर काम करता था, आज ३००० में नहीं मिलता, मालूम क्यों, २००५ में वह प्राणी, १८०० के वेतन से ३००० (ओवर टाइम मिला कर) रुपे पाक संतुष होता था और उसमें घर भी १००० रुपये भेज देता था. आज वह ३००० वेतान पाकर भी संतुष नहीं होता क्यों की आपकी दया से फक्ट्रोरिओं में काम ख़तम हो गया है और ओवर टाइम नहीं लगता.
- आप कहेते है की महंगाई दर कम हो गई है. झुगी झोपडी में रहेने वाले सभी करोड़ पति नहीं बनते. वेह मात्र फिल्मो में ही होता है और आपसे कहेल्वाया जा रहा - जय हो
बहरहाल जय हो ... प्रधानमंत्री जी ... तेरी जय हो....
ab yakeen ho gaya aap bak bak karte hai
जवाब देंहटाएंjo har kisi ko pasand nahin aati hai
magar lage raho
hame pasand aayi hai
ap likho kam padenge
aur apko bhi pakayenge
bhaiya naam to bata dete
जवाब देंहटाएंkya khoob khi
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