“बाबा, ये जो ज्यादा चिल्ला रहे हैं न – इनको पैसा नहीं मिला”
मेरे मित्र बोले.
“इसके मायने”
“बाबा, मैं ये कहना चाहता हूँ कि हज़ारो करोड कि धांधली हुई है, इस कामनभरष्ट के खेल में, मीडिया वालों को अगर पैसा मिला होता तो – इतनी नेगटिव कोवेराज़ नहीं करते.”
“भाई, बात तो आपकी ठीक है, अगर हम कहें कि किसी और मुद्दे से ध्यान हटाने कि बात हो तो ?”
“और कौन सा मुद्दा है”
क्या बात कर दी आपने, क्या नक्सलवाद के मुद्दे से ध्यान हटाना हो, और हमारे माननिये गृह मंत्री सक्रिय न हों ?
अगर महंगाई डायन से ध्यान हटाना है – तो हमारे माननिये खाद्य उपभोक्ता मंत्री सक्रिय न हों.
वो मान गए.
हाँ, बाबा, तुम्हारी बात में दम है, पर हम अब ही ध्रुव सत्य पर कायम हैं कि अगर मीडिया वालों को उनका हिस्सा मिला होता तो इतनी नेगटिव कवरेज नहीं करते.
अच्छा बताओ,
नहीं बाबा, पहले आप बोले रहो, फिर हम अपना तुरुप का पत्ता निकालेंगे.
राम मंदिर का फैसला आना था, ये तो आप भाई अच्छी तरीके से जानते हैं, वो अयोध्या का मुद्दा दब गया, फैसला नहीं आ पाया, अत: मीडिया को मजबूरी में फिर से कामन वेल्थ का मुद्दा उठाना पड़ा.
अरे बाबा, आप तो निरे बोडम हैं, अजोध्या का मुद्दा तो उ कोनों त्रिपाठी जी ने टायं टायं फिस कर दिया.
क्या बात कर रहे हो भाई, इ त्रिपाठी जी कहाँ से आ गए.
बाबा, जहाँ न पहुंचे कवि – वहाँ पहुंचे रवि.
यानि
यानी , त्रिपाठी जी हैं – पता नहीं कहाँ से राम लल्ला के भक्त बन कर पहुँच गए – उपर कि अदालत में और फैसला रुक गया,
बाबा, उ फिल्म तो देखे हो............
कौन सी
“एक रुका हुवा फैसला”
हाँ, भाई देखि है, एक व्यक्ति ने सभी मेम्बर को अपनी सोच के हिसाब से ढाल लिया था .... और फिल्म के अंत में उ फैसला उसी व्यक्ति के हिसाब से आया.
इही तो हम भी कहते हैं, बाबा, ई त्रिपाठी जी भी उ व्यक्ति हैं – पर ई खुद कुछ नहीं कर रहे – सुना है इनको भी उपर से आर्डर हैं.
भाई मान गए तुमको, पर उ जो है तुरुप का पत्ता तो बताओ.
बाबा बताएँगे, पाहिले कुछ और पूछ ल्यो.
नहीं भाई, तुम्हो अब बतायेदो, पाठक बहुते बोर हो रहे हैं, अब तुरुप का इक्का फैंक दो.
ठीक है बाबा, पहले ई न्यूज़ पढ़ लो
“कॉमनवेल्थ मीडिया सेल के प्रमुख मनीष कुमार का इस्तीफा
· आईबीएन-7
Posted on Sep 25, 2010 at 23:26
नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गम्स को लेकर मचे हड़कंप के बीच शनिवार को CWG के मीडिया सेल के प्रमुख मनीष कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। पिछले दो साल से CWG प्रेस ऑपरेशन प्रमुख के पद पर काम कर रहे मनीष कुमार का आज तबादला कर दिया गया था। अब मीडिया सेल का प्रमुख मंजू सिंह को बनाया गया है।
दरअसल इस तबादले के पर्दे के पीछे का खेल कुछ और है। जबसे सरकार ने आयोजन समिति की निगरानी शुरू की है तब से आयोजन समिति और सरकारी प्रतिनिधियों के बीच तनाव शुरू हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक PIB के अधिकारी और मनीष कुमार के बीच लगातार दूरियां बढ़ती जा रही थी। पिछले कुछ दिनों से मनीष कुमार PIB के अधिकारियों के बीच लगातार बहसबाजी हो रही थी। जिसके चलते PIB ने मनीष के तबादले का फरमान सुना डाला। तबादले से नाराज़ मनीष ने पद से इस्तीफा दे दिया। मनीष का कहना है कि कॉमनवेल्थ को लेकर उन्होंने कोई गलती नहीं”
पढ़ ली बाबा,
हाँ, भाई पढ़ ली, इसमें क्या, कई लोगों ने जाना है, कोई पहले – कोई बाद में, ई मनीष कुमार पहले सही.
नहीं बाबा, ई जो मनीष कुमार हैं न – मीडिया के इन-चार्ज हैं मीडिया को देखते हैं. बस बाकी आप समझदार हैं . खुदे ही सोचते रहिये.
मान गए इस भाई बात को. और बक भी दिया अपने लोगों के बीच. आप सोचते रहिये. का ई बात ठीक है.
पर बाबा चलते हैं, जय राम जी की.
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जवाब देंहटाएंहमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि
बात में वजन है
जवाब देंहटाएंबाबा की बक-बक में दम है
जवाब देंहटाएंएक रुका हुआ फैसला यह फिल्म हमने भी देखी थी .. बिलकुल सही व्यंग्य है ।
जवाब देंहटाएंआपकी बात बिलकुल सही है
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारें:-
ईदगाह कहानी समीक्षा
आपकी हर बात निराली होती है....... इसमें भी शक की काई गुंजाईस नहीं. बिल्कुल सही बात.
जवाब देंहटाएंदीपक भाई,
जवाब देंहटाएंपोस्ट तो दमदार है ही, कॉमनवैल्थ का नामकरण बहुत मजेदार लगा। दो दिन से कमेंट करने की कोशिश कर रहा हूँ, ऐन समय पर गायब हो जाता है।
लेट पेनल्टी का हिसाब फ़िर कर लेंगे, हा हा हा।
बिल्कुल सही ! बहुत सुन्दर लिखा है आपने! बेहतरीन प्रस्तुती!
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