आज दिन में तीन चुटकियाँ सुनाने को मिली.......... लिख रहे हैं....
अरे बाबा, उद्घाटन समारोह और समापन समारोह की टिकट तो मिली नहीं न ही देख पाए........ अब कृपया .... cwg investigation programme तो देख लें.
सर, चिंता मत कीजिए ये भी लाइव दिखाया जायेगा.
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ये अमर बेल है सर, जिस पेड में फैलती है, पलती है ....... उसे ही सुखा देती है.... ठीक इन्ही कामरेडों की तरह........
फिर वो पेड तो खत्म हों जाता है और ये अमर बैल ही नज़र आती है....... और वो पेड भी “अमर बैल” वाले पेड के नाम से पुकारा जाता है.
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तीसरी चुटकी हैं श्रीमान जगदीश्वर चतुर्वेदी जी, गूगल बाबा में सर्च करके दूंड लेना और पढ़ का हंस देना........... और हाँ ज्यादा दिमाग मत लगाना ...... खामखा आपका तो बी पी हाई हों जाएगा ..... पर उस बंदे को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.........
:) :) :)
जवाब देंहटाएंबीच वाली क्या खूब है! आनन्द आ गया।
प्रोफेसर साहब ज़रूरी हैं। पता चलता रहता है कि कुछ संसार अभी भी कम्युनिस्ट मेनीफेस्टो पर ही ठहरे हुए हैं।
पहला बहुत अच्छा कमेन्ट है लेकिन कौन सुनता है सभी भ्रष्ट्राचार में ब्यस्त है ----------------- अंत में जाच होती रहेगी योग बैठेगा.
जवाब देंहटाएंbaba kuch naya sagufa choda hai kiya
जवाब देंहटाएंjai baba ji ki
जवाब देंहटाएंbahut sunder.
जवाब देंहटाएंअरे बाबा, उद्घाटन समारोह और समापन समारोह की टिकट तो मिली नहीं न ही देख पाए........ अब कृपया .... cwg investigation programme तो देख लें.
जवाब देंहटाएंसर, चिंता मत कीजिए ये भी लाइव दिखाया जायेगा.
अमां हमारा ऐतराज नोट करिये। तीसरी वाली चुटकी है क्या? हम तो चुटका समझ रहे थे। शायद हमीं गलत थे।
जवाब देंहटाएंपहले में ही प्रसन्न हो लिए.. :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर्।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर.
जवाब देंहटाएंhttp://sudhirraghav.blogspot.com/
पहली दो खास पसंद आई
जवाब देंहटाएंEK SE BADH KAR EK......
जवाब देंहटाएंबीच वाली सच लगती है .... वैसे तीनो ही लाजवाब हैं ..
जवाब देंहटाएंbahut sundar deepak ji ...
जवाब देंहटाएंसभी बेहतरीन,
जवाब देंहटाएंमध्यवाली तो जबरदस्त!!
शानदार बक-बक दीपक बाबा जी की ....
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