29 नव॰ 2008

पप्पू को शर्म आ गई पर वोट डालने नहीं गया .

दिल्ली में शनिवार को मतदान हो गया, जहां कांग्रेस की भारतीय जनता पार्टी के साथ कांटे की टक्कर है।
प्रदेश के 70 में से 69 सीटों पर शनिवार को विधानसभा के लिए मतदान था जबकि राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर अगले महीने की 13 तारीख को मतदान कराया जाएगा।
राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर चुनाव टल गया था क्योंकि इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पूरन चंद योगी की मृत्यु हो गहि थी।
दिल्ली के मतदान अधिकारी की अनुसार प्रदेश के दस हजार 993 मतदान केंद्रों पर आज सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ। 52 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। राजधानी में विधानसभा के लिए कुल 863 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। आज एक करोड़ पांच लाख 82 हजार 369 मतदाता हैं प्रतिनिधि चुनने के लिए। इन मतदाताओं में 46 लाख 98 हजार महिला मतदाता हैं।
इस चुनाव में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पिछले दस साल से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज शीला भास्त्रचार के मुद्दे पर मतदाताओं का सामना कर रही हैं - बिजली का मीटर दिल से ज्यादा भाग रहा है और पब्लिक जवाब मांग रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार विजय कुमार मल्होत्रा सत्ता के खिलाफ लहर से लाभ उठाना चाहते हैं।
इस बार चुनावों में सभी आंखें मायावती की अगुवाई वाली बसपा पर टिकी हुई है। बसपा विधान सभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पिछले साल नगर निगम के चुनावों में बसपा को बड़ा फायदा हुआ था। बसपा ने इन चुनावों में 17 सीटें जीती थीं।

jo bhi हो दुःख इस बात का होता है की दिल्ली की लोगो को इतनी सहुलिएत मिली हुई है फिर भी वोट देने में कंजूसी करते है। मात्र ५१ प्रतिशत ही मतदान हुवा है । इससे तो अच्छे ज्यादा दिलेरी तो जम्मू और कश्मीर व छत्तीसगढ़ के लोगों ने दिखाई है जहाँ ६० से ७० प्रतिशत वोट पड़े। दिल्ली के लोग कायर और बनिया किस्म के हो गए हैं। बताओ ५१ प्रतिशत किया होता है। इतना भी कमजात पना ठीक नही । चुनाव आयोग इतने दिन से विज्ग्यापन दे कर सचेत कर रहा था की पप्पू मत बन जाना पर दिल्ली की जनता पप्पू ही बन गई। जो भी हो पब्लिक को सोचना चाहिए और चुनाव के दिन घर से निकल कर वोट जरूर देना चाहिए। बहरहाल कामना करता हूँ, की श्रीमती शीला दीक्षित और श्री विजय मल्होत्रा जी को आज की रात नींद आची आएगी। अस्तु । इंतज़ार कीजिये वोटों की गिनती तक। ..... जय राम जी ....

27 नव॰ 2008

डिस्को डांस करके ईसाईत का प्रचार!

रोम। आमतौर पर धार्मिक मठों में शिक्षित ननों के बारे में यही माना जाता है कि वहां की जिंदगी बड़ी नीरस और कड़े कायदे कानून से संचालित होती है।
यह सच भी है लेकिन इटली की कुछ ननों ने अपने धर्म को लोकप्रिय बनाने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। इन्होंने यीशू की शिक्षाओं और ईसाई धर्म के प्रचार के लिए डिस्को डांस करने का तरीका अपनाया है। ननों के डांसिंग ग्रुप में कुछ पादरी भी शामिल हैं।
हाल ही में इनके ग्रुप ने दक्षिण इटली के सासारी में बास्केट बाल मैच के दौरान डांस प्रस्तुत करके वहां मौजूद दर्शकों को हैरान कर दिया। यही नहीं इस मौके पर कुछ लोगों ने तो ईसाई धर्म स्वीकार भी कर लिया। - एक ख़बर

- तो लो भाई, रही सही कसर भी पुरी हो गयी। आदिवासी बचा नहीं पाए, वनवासी बचा नहीं पाए, अब जवान लडकों को तो बचा लो । सोचो अगर दिल्ली मैं अगर ये लोग आ गए तो .... पपू टोनी चंदू हैप्पी रामू शामू राम लाल का, शाम लाल का, राम खिलावन का, जगदीश परसाद का, सभी के लड़के लाइन लगा का डिस्को देखने जायेंगे और दोस्तों मेरी यह शर्त है की ९० पर्तिशत तो वहीँ ही इसाई धर्म अपना लेंगे।

सोचो की पादरी लोग किस स्तर पर जा सकते हैं। धर्म के लिए क्या कर सकते हैं। भाई करे भी क्यों न इतना पैसा जो मिलता है।

माननिये अमर सिंह को समर्पित

देश की आर्थिक राजधानी के नाम से अपनी खास पहचान रखने वाली मुंबई बुधवार की रात दहल गई।
दिन-रात कभी न रूकने वाला यह शहर एक बार फिर आतंकियों के खौफनाफ इरादों का शिकार बन गया। डेक्कन मुजाहिदीन नामक एक अनाम आतंकी संगठन द्वारा अंजाम दी गई इस खतरनाक साजिश से उनकी रणनीति में बदलाव के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। पहले जहां आतंकी ज्यादा से ज्यादा जानमाल के नुकसान में यकीन रखते थे, वहीं इस बार उनका निशाना खास लोग बने। यानि की मालदार लोगों को निशाना बनाया gaya
आतंकियों ने आम जनता की बजाय नौकरशाहों, कारोबारियों, राजनयिकों और विदेशी मेहमान जैसे प्रतिष्ठित और धनाढ्य वर्ग को निशाना बनाया है।
आतंकियों ने करीब 10 बजे कोलाबा इलाके के लियोपोल्ड रेस्टोरेंट में भयानक गोलीबारी के बाद ताज और ओबेराय होटलों में भी अंधाधुंध गोलीबारी के साथ कई धमाके किए। ये तीनों नाम ऐसे स्थानों के हैं जो विदेशी पर्यटकों ,नौकरशाहों और राजनयिकों के अलावा शहर के तमाम स्थानीय धनाढ्य वर्ग को लोगों की पहली पसंद हैं।
मालूम हो कि आतंकियों से एक तरह युद्ध लड़ रहे देशों अफगानिस्तान और इराक के बाद सबसे ज्यादा आतंकी हमलों में हताहत होने वालों की संख्या भारत से है। लेकिन इससे पहले की सभी आतंकी घटनाओं में भीड़ भरे इलाकों, धार्मिक स्थलों, बाजारों और गली-मुहल्लों में खाने की जगहों पर मध्य वर्ग के लोगों को निशाना बनाया गया था। इस साल सितंबर में देश की राजधानी दिल्ली के भीड़ भरे इलाकों में हुए पांच बम विस्फोटों में करीब दो दर्जन लोग मारे गए। मारे गए लोगों में फुटपाथ पर सामान बेचने वालों से लेकर नौकरी पेशा वाले लोग शामिल थे।
इन आतंकी हमलों के दौरान अभी तक 3 विदेशियों समेत 100 लोग इन दुर्दात आतंकी कार्रवाई की भेंट चढ़ चुके हैं और 300 से अधिक घायल हो गए हैं। मुठभेड़ के दौरान एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे समेत 11 पुलिसकमियों की शहादत के बाद अभी तक सुरक्षाबलों को 5 आतंकियों को मार गिराने में व 9 को जिंदा पकड़ने में सफलता मिली है।
अमर सिंह जी आपकी बहुत याद आ रही है। आपको ५ आतंकियों के मारे जाने पर दुःख व्यक्त करना चाहिए। मरने वाले आतंकवादी के परिवार वालो को सतवाना देने जाना चाहिए। भारतीय सेन्ये बलों की भर्त्सना करनी चाहिए। आखिरकार वो बेचारे जिहादी जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुवे १०० से ज्यादा बेक़सूर लोगों को मारा, देश की अर्थव्यवस्था पर चोट की, उन्हें समाजवादी पार्टी की तरफ़ से इनाम तो देना चाहिए। उनके परिवार वालों को रोज २ किलो चिकन और १ किलो सुखा मेवा भी भिजवाने की wइवास्था होनी चाहिए।
सालो शर्म करो, अगर अब भी बाटला हाउस का जिक्र किए तो कसम से .........
दोस्तों सोचो और इन नेतायों को पहचानो और वक्त पर जवाब दो।
जय राम जी की, भगवान शहीद पुलिस कर्मियों को अपने चरणों मैं शरण दे व मरने वालों की आत्मा को शान्ति मिले ... आमीन