1 फ़र॰ 2009

मानिये समीर लाल जी

आज पता नहीं क्या मन में सूझी - उड़नतस्तरी की जांच करना को मन हुवा. अजीब लगता था जो भी ब्लॉग मैं देखता या पड़ता था वहां काम्मेंट्स में उड़नतस्तरी सबसे पहेले मौजूद होता था. तब ध्यान नहीं दिया. आज मैं समीर लाल जी (आगे से आदरनिये समीर लाल जी बोला करूंगा) के ब्लॉग के रूबरू हुवा. आश्चर्य . ... महा आश्चर्य ... ताजुब हुआ की एक टेक्नीकल हुनर वाला आदमी वो भी जो देश से दूर (कनाडा) इतना कार्य. अपने ब्लॉग में भी लिखना. नए उभरते ब्लोगेर्स (मेरे जैसे) को काम्मेंट्स के द्वारा उत्साहित करना ... पहेले में खुश होता था की मेरे ब्लोग्स पर टिपण्णी देते है. अब पता चला की ये उनकी आदत में शुमार है नए ब्लोगेर्स को उत्साहित करना .. उनकी दिक्कत दूर करना. कुछ तकनिकी टिप्स देना.
मैं परमपिता से प्राथना करता हूँ की उनकी ये आदत बनी रहे. तभी हिन्दी ब्लॉग जगत का भला है तभी नए नए नोसिखिये ब्लोगर्स लगे रहेंगे और लिखते रहेंगे.

9 टिप्‍पणियां:

  1. आप सबका यही स्नेह तो उर्जा देता है. बस, आप स्नेह बनाये रखें.

    वैसे, आपकी पोस्ट अगर ब्लॉगवाणी से क्लिक करके खोल रहे हैं तो कमेन्ट बॉक्स नहीं आ रहा है. सेटिंगस में कमेंट को embedd की जगह पॉप अप या दूसरा ऑप्शन चुन लें. ठीक हो जायेगा.

    बहुत आभार आपका इस सम्मान के लिए.

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  2. भाई यही तो समीर जी का खाशियतहै जहाँ जिस ब्लॉग पर जावो समीर जी पहले पहुंचे मिलेंगे | इसलिए तो वे सबके सम्मानीय और उड़न तश्तरी है उनके बराबर स्पीड और किसी में कहाँ |

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  3. दीपकजी आपने सही लिखा है समीर दा के लिए . वो वाकई न तो कभी तारीफ करने में कंजूसी करते हैं न किसी समस्या का हल बताने में देरी करते हैं ...अब देखिये न -कमेन्ट बॉक्स न आने की परेशानी का इलाज बता दिया.
    आपके ब्लॉग पर आकर एक बात भी पता चली कि देश में तिहाड़ गाँव भी है,अबतक तो यही पता था कि इस नाम कि जेल है.

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  4. समीर लाल जी का जलवा कनाडा से लेकर कानपुर तक है। इनकी उड़नतश्तरी नए लोगों के साथ पुराने लोगों से भी बड़ी आसानी से तालमेल बैठा लेती है। तगड़ा मामला है।

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  5. आप ने बिल्कुल सही कहा...समीर लाल जी विलक्षण प्रतिभा के स्वामी हैं उन्होंने हमारे जैसे ना जाने कितने ही नए ब्लोग्गर्स को प्रोत्साहित किया है...उनकी जितनी प्रशंशा की जाए कम है...
    नीरज

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  6. Deepak ji ,
    Sameer jee ke bare men apne bilkul shee likha hai.maine Fulbagiya men se kala ghar hata diya hai.sujhav ke liye shukriya.
    Hemant

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  7. hi......ur blog is full of good stuffs.it is a pleasure to go through ur blog...


    by the way, why don't you start a new blog in your own mother tongue...? now a days typing in Indian Language is not a big task..

    recently i was searching for the user friendly Indian language typing tool and found ... " quillpad ". do u use the same...?

    heard that it is much more superior than the Google's indic transliteration...!?

    expressing our views in our own mother tongue is a great feeling...save, protect,popularize and communicate in our own mother tongue...

    try this, www.quillpad.in

    Jai..HO....

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  8. आजकल लिखना क्यूँ स्थगित है भई?

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बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.