31 जन॰ 2009

हे शारदे माँ

माँ , आज तेरी वंदना जगत कर रहा है, बचपन से तेरे आशीर्वाद को तरसता हूँ माता। विद्या की देवी दूर ही रही मुझ से। आज तेरा दिन है मैया ...

हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमे तार दे माँ
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझ से
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझ से
हम है अकेले, हम है अधूरे, तेरी शरण हम
हमें प्यार दे माँ

हे शारदे माँ ....
ऋषियों ने समझी, मुनियों ने जानी
वेदों की भाषा, पुरानो की बानी
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ

हे शारदे माँ

तू स्वेत वरनी, कमल पे विराजे
हाथों पे वीणा मुकुट सर पे साजे
माँ से हमारे मिटा दो अंधियारे
उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ

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