4 अप्रैल 2012

कुछ तो लिखो मेरे यार.....


कहते हो कि लिखो, कुछ तो लिखो, लो ये कलम और लिख दो दिल के जज्बात, लिखो कि दिल पुकार रहा है, लिखो कि शाम का मौसम खुशनुमा है और तुम नहीं समझ पा रहे हो कि टाइम्स रोमन टाइप लगाया जाए या फिर सेरिफ़... बोल्ड कर के ३६ पॉइंट लगा दिया जाए या फिर नोर्मल ही रुआंसा छोड़ दें, बेदर्द दुनिया से ठुकराए आशिक की तरह.. लिखो इसी को लिखो.
कलम नहीं चल रही, स्याही खत्म है तो क्या... की बोर्ड सामने है, इस मुए कारेल डरा को एफ फॉर दबा कर विराम दो और .... दो पेग लगा कर अपनी मस्ती में फिर से बहो, लिखो ... लिखो कि आशिकों के आंसू खत्म हो गए हैं, लिखो कि दुनिया अब भी बेदर्द है... लिखो कि कैकई कैसे मंथरा की बातों में आ गयी और राम सिंहासन विहीन हो कर बनवासी हुए ... घबरा मत मंथरा अब भी जिन्दा और अपनी जिद्द पर कायम है,...
कुछ तो लिखो मेरे यार..... 

13 टिप्‍पणियां:

  1. सुकून नहीं मिला, प्यासा ही रह गया --



    गटको मयखाना सकल, अकल गुमे श्रीमान ।
    सूफी की वह बेखुदी, मेटो गर्व गुमान ।

    मेटो गर्व गुमान, बैठ-की-बोर्ड मरोड़ो ।
    लिखना हो आसान, बोतलें ख़ाली फोड़ो ।

    राम कृष्ण रहमान, मंथरा माया ममता ।
    मुजरा, ड्रामा फिल्म, व्यंग बाबा पर जमता ।।

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. ...कुछ लिखो तो सही,
    कुछ कहो तो सही,
    इसी बहाने अपने वजूद को
    महसूस तो करो !

    जवाब देंहटाएं
  3. मंथरा तो जिन्दा ही रहेगी.....दीपक बाबा....यदि राम वनवास ना गया तो रावणों की बरमार हो जाएगी...;))

    जवाब देंहटाएं
  4. फिर से बक बक में अधूरे में पूरा लिख दिया बाबा

    जवाब देंहटाएं
  5. पोस्ट का टाईम देख रिया हूँ बाबाजी :)

    जवाब देंहटाएं
  6. इतने बड़े काज का माध्यम बने और इनाम के बजाय बदनामी, ये कैसा इंसाफ़?

    जवाब देंहटाएं
  7. ham tippadi main kuch nahi likhange ...nahi to tippaddi dastavag ban jaati hai aur uska pata nahi kaha kaha log jarurat ke hisab se upyog karte hai..na baba ji na ham tippaddi main kuch nahi likhange...

    ab tak jo likha kaha suna maaf karna ....

    jai baba banaras....

    जवाब देंहटाएं
  8. यह उत्कृष्ट प्रस्तुति
    चर्चा-मंच भी है |
    आइये कुछ अन्य लिंकों पर भी नजर डालिए |
    अग्रिम आभार |
    FRIDAY
    charchamanch.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  9. बढ़िया बकबक उठो मंथरा ज़िंदा ,मोहना सिंह आसन पर ,.....

    जवाब देंहटाएं
  10. जो कुछ भी अहसास कराये कि , दोस्त तुम अभी जिन्दा हो . करो.. लिखो .. कुछ तो लिखो

    जवाब देंहटाएं

बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.