22 मार्च 2011

ब्लॉग्गिंग में मेरा सफ़र.........2


cartoon from www.weblogcartoons.comकिसी ब्लॉग में हल्का फुल्का व्यंग लिखा जा रहा है, कहीं धीर-गंभीर विषयों को सरलता से पेश किया जा रहा है, वहीँ सरल विषयों की ऐसी जलेबी बनाए जा रही है की पाठक बिचारा परेशान हो जाता है. अधिकतर ब्लोग्गर कवी-ह्रदय है, लेख के साथ कविताई कर के दिल की भड़ास निकाल देते है, कहीं सामाजिक सरोकारों पर सार्थक बहस हो रही है - याहीं अधिकतर ब्लॉग लेखक अपने अपने लेखन में लगे है......

जहाँ अच्छी खासी डिग्री लिए हुई विद्वान इन्जिनीर, डाक्टर, विज्ञानिक, वकील, लेखाकार व् अन्य पेशों में परवीन लोग है , इत्यादि, वहीँ विद्यार्थी, शोधार्थी, और सेवानिरवत, गृहणी, कामकाजी, बैंक और रेलवे अधिकार, और हाँ निट्ठले भी. यानी दुनिया चलाने के लिए सब कुछ है..... और तो और चोर भी है सरे आम चोरी के लिए..... और गन्दी अंधधार्मिकता मानसिकता वाले लोग भी - जो माहौल खराब करने पे तुले रहते थे.........

हिंदी सिनेमा की तरह सब कुछ है - प्यार मोहब्बत लड़ाई झगडा, पुरानी दुश्मनी, , माँ, बहिन, दोस्त, दद्दा, बड़े भैया, छोटा भाई, उस्ताद सरजी, ........  सभी कुछ. सब रंगमंच की भांति चल रहा है......... देश दुनिया की सीमाओं से उठा ये ब्लॉग जगत. और हाँ एक तो बंटी  चोर भी थे, पर पता नहीं आजकल कहाँ गायब हो गए. एगो उस्ताद जी भी थे, हर पोस्ट पर न० देते थे, वो भी गोल हो गए.

मेरे ख्याल से ब्लॉग्गिंग के दो स्टेप हैं, एक तो पोस्ट लिखना ...... दुसरे टिपण्णी देना. पोस्ट तो सभी लिखना चाहते है, पर टीप के रस्ते से खुद को बचा कर ले जाते है...... फिर बाबा की तरह सर पकड़ कर रोते है, मेरे ब्लॉग पर कोई टीप नहीं देता. महान ब्लोग्गर श्री फुरसतिया जी कहते हैंबिना टिप्पणी के पोस्ट विधवा की सूनी मांग की तरह होती है।  पर इन सूनी मांगो का क्या किया जाए, मेरे जैसा, कोई भी तरस नहीं खाता. कोई ब्लोगर बिचारा की-बोर्ड पर की-बोर्ड तोड़ रहा पर  टिप्पणियों का महा आकाल है, तो कहीं ब्लोगर ऐसी भी कलाकारी जानता है की मात्र २ पहरा लिख कर टिप्पणियों की बाढ़ आयी हुई है.

कहते है, इश्वर के हर कर्म में कुछ न कुछ अच्छा होता है, चिट्ठाजगत बंद हो गया......... बहुत दुःख हुआ, पर हमसे ज्यादा तो दुःख तो नए नए ब्लोग्गर को होगा......... जो ५-७ पोस्ट में स्थापित हो जाते थे, अब बहुत महनत करनी पड़ेगी, पर कई मुस्लिम अंधधार्मिकता मानसिकता वाले ब्लोग्गरों से छुटकारा तो मिल गया...... आप सभी समझ सकते है की मेरा इशारा किस और है......... नाम लेकर मैं बर्र्रे के छते में हाथ नहीं देना चाहता.

ज्ञान और आनन्द का बहुत बढ़िया साधन है ये ब्लॉग्गिंग ......... बस देखना ये है कैसे इसका इस्तेमाल होता है....... पर एक बात है, इसके लिए समय बहुत चाहिए..... बहुत ज्यादा.. तभी आप एक सफल ब्लोग्गर रह सकते है.....  नहीं तो बाबा की तरह जहाँ धुनी जमा ली जमा लिए...... नहीं तो चल दिए दुसरे थोर ..........

शायद कुछ और भी है, पर फिलहाल इतना ही, जय राम जी की

17 टिप्‍पणियां:

  1. बाबा जी राम राम
    आज तो सबकी पोल खोल दी आपने
    ऐसे ही धुनी रमाये रहो, हम भी प्रवचन(बक-बक) सुनने को बेताब है
    जय राम जी की

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  2. आप ने सही कहा हर तरह की लोग है और हर तरह के विषयों पर लिखा जा रहा है जिसे जो पसंद है वो उसी और मुड जाता है | किन्तु टिपण्णी पाने के लिए खुद भी सभी को टिपण्णी देना पड़ता है इसे ऐसे भी देख सकते है की जब हमअपने विचार दूसरो की पोस्टो पर रखते है तभी लोग हमें भी हमारी पोस्ट पर अपने विचार और सोच बताते है |

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  3. अन्शूमाला जी, आपसे शत् पर्तिशत सहमत हूँ....

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  4. आदरणीय बाबा जी,

    सप्रेम अभिवादन |

    सच सच कहा आपने | ब्लाग की रंग बिरंगी दुनिया में यही सब तो है , कोऊ काहू में मगन -कोऊ काहू में मगन है |

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  5. टिपण्णी पाने के लिए खुद भी सभी को टिपण्णी देना पड़ता है इसे ऐसे भी देख सकते है की जब हमअपने विचार दूसरो की पोस्टो पर रखते है तभी लोग हमें भी हमारी पोस्ट पर अपने विचार और सोच बताते है |

    jai baba banaras------

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  6. सुरेन्द्र जी सभी बाबा आदरणीय नहीं होता, और ना ही सभी बाबा 'बाबा जी' होते है अत: दीपक बाबा को मात्र बाबा कहेंगे तो ज्यादा अच्छा लगेगा.

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  7. बाबा को प्रणाम रहेगा..
    एकदम सही विश्लेषण है....
    किसी भी क्षेत्र में काम करने वालों को ये इच्छा तो होती ही है कि उनके कम को सराहा जाए.. पर अगर अच्छा लिख रहे हैं तो आज न कल लोग आपको जानेंगे ही..

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  8. आदरणीय बाबा जी ,
    प्रकट में आँखें बंद लग रही हैं पर यह भक्त जानता है कि कनखियों से देख रहे हो गुरु ! कमंडल में टिप्पणी डाले जा रहा हूँ... बैठ नहीं पाऊंगा अभी कई बाबाओं के यहाँ जाकर आशीर्वाद लेना है !
    नयी पोस्ट पर आपके दर्शन नहीं हुए बाबा, यह गलत बात है ! यह टिप्पणी अडवांस में मानना, पिछला हिसाब बराबर है !
    जय दीपक बाबा !!

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  9. आप से सहमत हे जी, लिजिये हमारी हाजरी भी लगा ले, धन्यवाद

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  10. हमें तो भाई जब मौका मिलता है आपके ब्लॉग की सूनी मांग में टिपण्णी का चुटकी भर सिन्दूर डालना नहीं भूलते...क्या करें आप लिखते ही इतना बढ़िया हैं...:-)

    नीरज

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  11. में थोडा लेट हो गया..
    आप की बकबक चालू रहेगी तो टिप्पणियों का टोटा नहीं पड़ेगा..
    हलाकि सबको पसंद होता है की उसकी रचनाओं की सराहना या आलोचना की जाए मगर इसके परे भी अगर लेखक लिखता जाता है तो कभी न कभी उसकी प्रतिभा का मूल्यांकन हो ही जाता है...
    चलिए अब इंतजार रहेगा बेसब्री से बाबा के अगले प्रवचन का ............

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  12. jis gali me aap firte hain.....udhar ka chakkar hum bhi lagate hain....so amne-samne/upar-nich/
    bayen/dayen hokar milte rahte hain.....aur bagalgir hokar nikal lete hain.....

    aap apne safar bayani kar rahe the.....socha dekhta chaloon.....

    hum kisi blogger ko dekhne se pahle.......unka
    blogrol dekhte hain........

    aap ki thori bak-bak hum jhelte ja rahe hain...

    safar jari rakhiye----sath-sath milte rahenge...

    pranam.

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  13. दीपक बाबा जी! उम्मीद है आपका सारा तकलीफ अब खतम हो गया होगा.. या फिर परहेज चल रहा होगा. तो सबसे पाहिले आपके स्वास्थ्य का कामना करने के बाद ब्लॉग्गिंग के ताकत का नमूना बताने के लिए मिस्र का उदाहरण देना चाहेंगे.. अउर टाइम्स ऑफ इंडिया के एक खबर का बिस्वास किया जाए तो एहाँ भी ब्लॉग्गिंग पर सिकंजा कसने का तैयारी चल रहा है..
    टिपण्णी देना अउर उसका जो नियम कायदा है ऊ बीसी पर नहीं बोलते हुए हम तो एही कहेंगे कि टिपण्णी ब्लोगिंग में संबाद कायम करता है. जैसे जेतना लिखा जाने वाला अच्छा ही है नहीं कह सकते वैसे ही सब टिपण्णी सार्थक है, ई भी नहीं कहा जा सकता..

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बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.