2 अप्रैल 2011

पापा आउट ......क्रिकेट


पापा आउट ...........
बेटा मैं करेक्शन कर रहा हूँ...... मैं कैसे आउट हो सकता हूँ........
पापा सेहवाग आउट हो गया........
कोई बात नहीं बेटा... माना करेक्शन ज्यादा आ गयी.......... मुझे काम करने दे......
अरे पापा ....... आप जानते नहीं हों, करेक्शन तो फिर भी ठीक हो सकती है, पर सहवाग दुबारा थोड़े ही आ सकता है........
आ जाएगा बेटा, उसने अन्सुरेंस की कम्पनी से विज्ञापन बुक करवा रखा है...... उसीमें फिर से आ जाएगा.......... पर अगर करेक्शन रह गयी तो ... तो...... पब्लिशर (सेठ) पैसा काट लेगा....... मुझे करेक्शन लगाने दे....
पर वो तो विज्ञापन में आएगा न...... बेटा वो खेले या नहीं, उनको तो पैसा मिलेगा ही न...... चाहे बेटिंग से मिले या फिर विज्ञापन से..... बेटा उनको चूल्हे ही चिंता थोड़े ही है...
पापा, क्या बात कर दी, आपने, क्या इतना बड़ा खिलाडी चूल्हे की चिंता करेगा...... चूले ही चिंता तो आप जैसे कम्पोसिंग वाले करते हैं, जो बड़े बड़े तथाकथित विद्वानों के लेक्चर कम्पोसिंग कर के दिल जलाते हैं....
तो
पापा वो तो देश की चिंता करेगा न....
बेटा, देश की चिंता करते तो १ रन बना कर आउट थोड़े ही होते.....
लो, आप के बोलते बोलते सचिन भी आउट हो गए.......
बेटा, जो खेलने आता है, वो आउट होने के लिए ही आता है, ये बात अलग है कोई १ रन बना कर आउट हो जाता है और कोई १०० से ऊपर......... पर आउट होना ही है........... 


यही शाश्वत सत्य है.....
जिंदगी हो या खेल का मैदान.

9 टिप्‍पणियां:

  1. आउट तो होना ही है.................अटल सत्य पर हम तो जिन्दगी का खेल ऐसे खेलते है जैसे क़यामत तक क्रीज पर टिके ही रहेंगे

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  2. पापा वो तो देश की चिंता करेगा न....
    बेटा, देश की चिंता करते तो १ रन बना कर आउट थोड़े ही होते.....
    लो, आप के बोलते बोलते सचिन भी आउट हो गए.......
    बेटा, जो खेलने आता है, वो आउट होने के लिए ही आता है, ये बात अलग है कोई १ रन बना कर आउट हो जाता है और कोई १०० से ऊपर......... पर आउट होना ही है........... यही शाश्वत सत्य है.....
    jai baba banaras....

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  3. दार्शनिकता के चक्कर में सचिन को आऊट करवा दिया न:)

    बच्चों से मत जिदियाया करो बाबाजी, क्योंकि बच्चे भगवान का रूप होते हैं:)

    मान लिया करो यार उनकी बात भी कभी कभी।

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  4. यही समय मिला था जीवन दर्शन समझाने का ? :):) पर जो भी इण्डिया जीत ही गया ..और आपने अच्छे से समझा दिया कि जो खेलने आता है आउट भी होता है ..ज़िंदगी का सत्य ..

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  5. अरे बाबा आज दर्शन रहने दो, आज तो भारत के स्‍वाभिमान की जीत को मना लो। बधाइयां।

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  6. जय हो......


    भूखे नंगे धरतीपुत्रों को चाय का कप मिला न मिला..... वर्ल्ड कप मुबारक.

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  7. वर्ल्ड कप की किसी भी रचना पर विचार प्रकट करने का मन नहीं होता है..मगर ये भूखे नंगे धरतीपुत्रों को चाय का कप मिला न मिला
    वाली पंक्ति ही सत्य है...
    हम कप जीत गए मगर ये ख़ुशी ३० करोड़ लोगों की है बाकि १०० करोड़ लोगों का क्या???

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बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.