17 मार्च 2011

आह होली - वाह होली और ये १०० वी पोस्ट

आह होली - वाह होली - फाग - फागुन - और उफ ये बेकरारी ......... नजर हमारी, जहॉं देखो - रांग नम्बर। क्या कहें। न उगलते बनता है न बोलते। पर आचारज (आचार्य) ने तो यूं फूहार छोड़ दी .... मानो कक्षा में कोई शरारती बच्चा मास्साब के खूब मना करने के बाद भी बाकी साथियों को रंग लगाना शुरु कर देता है और होली का महौल 2-3 दिन पहले ही शुरु हो जाता है।

याद आता है गांव में इस समय होली के लिए किसी के पास भी वक्त नहीं होता था - और न ही अब होता है। पर गांव के बामण, अहीर, मीणा, ठाकर सहित अन्य कमतर जातियां होली उत्सव में लग जाती थी पर पंजाबी खेत में लगे रहते थे- ‘अरे इन्हीं का त्यौहार है’ ....... सरसों की लावणी (कटाई) का मुश्किल भरा समय। बचपन था। रात को होलिका दहन के समय नगाड़ों के शोर में भयभीत होकर पर्व देखता। इतना शोर होता की कई बार कोई आवारा सांड मचल जाता और तबाही मचा देता था।

आज 200 से लेकर 1000 रुपये तक की पिचकारी आ रही है। पैसा बहुत है। दारु के खाली अध्दे में रंग भर उसके मूंह में झाडू के तीलों को छोटा छोटा कर के ढ़क्कन बनाया जाता था: और पिचकारी तैयार। 

घर के सामने खुला मैदान सा था, उसमें कई बार बुभले (गाड़ियार-लुहार) ठहरे रहते थे। उनकी होली देखने लायक होती.......... दोपहर बाद तक मिणों द्वारा निर्मित कच्ची दारु सर चढ़कर बोलती थी। और उन लोगों का लड़ाई-झगड़ा देखने लायक होता। दो-चार के सर फट्टे मिलते थे।

दिल्ली आये, पर दिल्ली का ये गांव अपने शहरीकृत स्वरुप को पाने के लिए प्रसवास्वथा से गुजर रहा था। ऐक आंटी थी - अपने से बड़ों के मूंह से सुनते थे - सही औरत नहीं है: पूरे गांव के आवारा किस्म के लड़के सुबह से उसके घर के आगे फेरा लगाना शुरु कर देते थे - आंटी का किसी पर मन होता तो रंग लगवा देती अन्यथा बेरंग मोड़ देती - सुधा चला जा-तेरे जैसे कई हांडे फिरे। और तथाकथित शरीफ लोग एक किनारे खड़े होकर मन मोस कर मजा लेते - उनका बस चलता तो वो कौन सा पीछे रहने वाले थे। 

होली है - मस्ती है: समस्त चालाकियां, शराफतें, दुश्वारियां,  इत्यादि को छोड़ कर, बस अपने अंदर के रंग को पहचान कर बाहर निकालता हूं। अल्सुबह से दोपहर 2 बजे तक: आप आमन्त्रित हैं होली मनाने के लिए तिहाड़ गांव में - बाबा को पहचान लेगें - ये गारंटी है।

दुसरी बात, आज सवा तीन साल बाद 100वीं पोस्ट लिखने को मौका आया है। शायद इस ब्लाग जगत में मो सम कौन आलसी मैं ही  दूसरा कोई नहीं।  पता नहीं कब आप लोगों को पढ़ते पढ़ते स्वयं का ब्लाग बना दिया पर लिखने के नाम पर सिफर - जो अब भी हूं। आप सब मित्र मिले: धन्यवाद करता हूं कि मुझे प्रेरणा दी - और ब्लागिंग का ये सफर धक्के खाते खाते चालू हुआ। ब्लॉगिग ने बहुत से मित्र दिये और मित्रों के अलावा एक दर्द भी दिया: र्सवाईकल का। पर मित्रों की मिठास के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं।

ब्लॉग्गिंग के सफ़र में मेरे साथ रहे, मेरा उत्साह बनाए रखा, आप सभी मित्रों का धन्यवाद, हो सकता कही मेरे से कुछ नाम छूट रहे हो, तो कृपया अन्यथा न लें.ents:


सोमेश सक्सेना 
Kajal Kumar 
Sawai Singh Raj. 
सम्वेदना के स्वर 
Satish Chandra Satyarthi 
Deepak Saini 
वन्दना 
संजय @ मो सम कौन ? 
संजय कुमार चौरसिया 
Dr. shyam gupta 
Poorviya 
सतीश सक्सेना 
anshumala 
पद्म सिंह 
उपेन्द्र ' उपेन ' 
हरकीरत ' हीर' 
नीरज गोस्वामी 
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " 
मनोज कुमार 
ajit gupta 
दिगम्बर नासवा 
रंजना 
सतीश सक्सेना 
Smart Indian - स्मार्ट इंडियन 
Dr (Miss) Sharad Singh 
Sunil Kumar 
अरुण चन्द्र रॉय 
सतीश पंचम 
चला बिहारी ब्लॉगर बनने 
शिवम् मिश्रा 
प्रेम सरोवर 
संगीता स्वरुप ( गीत ) 
ज्ञानचंद मर्मज्ञ 
abhi 
JHAROKHA 
Man 
ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ 
दिनेश वशिष्ठ 
M VERMA 
Indranil Bhattacharjee ........."सैल" 
नरेश सिह राठौड़ 
 
Suresh Chiplunkar 
गिरिजेश राव 
शरद कोकास 
संजय भास्कर 
Udan Tashtari 
Arvind Mishra 
नीरज बसलियाल 

जय राम जी की..........

रंगों से सराबोर मस्ती भरी होली की बधाई हो. 


P.S. 
अपने ब्लॉग को खंगालते खंगालते - इन दो टीप पर अभी नज़र गई :
नीरज गोस्वामी ने कहा…जय राम जी की...इतनी लम्बी छुट्टी ब्लॉग जगत में मंजूर नहीं की जाती...कुछ न कुछ लिखते रहन करें...

24 टिप्‍पणियां:

  1. मैंने अपने डैशबोर्ड पर आपकी पोस्ट देखी तो उसमे फोटो मेरी नज़र आई, मैं भी चौंक गया के ये माजरा क्या है? देखा तो मामला समझ आया.
    धन्यवाद मेरा नाम सबसे ऊपर रखने के लिए :) पर मैं तो आपका ज्यादा पुराना पाठक नहीं हूँ टिप्पणियां भी ज्यादा नहीं की होंगी, आपका आधार जाने क्या है? खैर...
    बहुत बहुत बधाई 100वीं पोस्ट के लिए.

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  2. १०० वीं पोस्ट की बधाई और होली की शुभकामनायें ..आह नहीं वाह वाह होली ..

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  3. सोमेश जी, ऐसा कुछ भी नहीं है कि किसका फोटो या नाम पहले, बस शुरु हो गए और जैसा है जहां के आधार पर जो मिलता गया - उसी को समेट लाया। मित्रों की जो लिस्ट है वह बस लिस्ट है बिना सोचे समझे, जैसे की शादी का न्यौता देने लगे तो जो घर पहले दिखा उसी में कार्ड दे दिया - बस। कृपया इसे अन्यथा न लिया जाए

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  4. गुरुदेव आज ऑफिस जाते समय आप के बारे में सोच रहा था आप की पोस्ट आ गयी..
    होली की बहुत बहुत बधाई..१००वी रचना की भी बधाई लगे हाथ दे ही देता हूँ...
    ऐसे ही बक बक जरी रखें
    बुरा न मानो होली है...

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  5. सरजी, आपने हमें धन्यवाद दिया है, असल में धन्यवाद तो हमें करना चाहिए , आपने न सिर्फ हौसला दिया , बल्कि सच कहूँ तो ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में पहचान आपकी ही बदौलत हुई |

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  6. लीजिए इस चक्कर में आपको होली की शुभकामनाएं तो देना ही भूल गया। बहुत शुभकामनाएं होली की।

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  7. दीपक जी , इस सौवीं पोस्ट पर हार्दिक बधाई और होली की शुभकामनाएं.

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  8. बढ़िया लिखा है दीपक बाबा ! बात क्या है कुछ गंभीर से दीखते हो , अगर बैक प्रोब्लम ठीक न हो तो हम बैठे हैं ...वाकई ठीक हो जाओगे यह मज़ाक नहीं है ! फीस वही ...तुम्हारी प्रेस में बैठकर चाय पियेंगे !
    हार्दिक शुभकामनायें

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  9. Baba ji Ram Ram
    sovi post ke liye badhai swikar karen

    aapki BAK BAK yu hi chalti rahe yahi dua karte hain hum
    holi ki hardik shubhkamnaye

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  10. अरे वाह, हम भी बाबाजी के मित्रों में शुमार हैं:))

    सौंवी पोस्ट की बधाई।

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  11. १०० वीं पोस्ट की बधाई
    होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं , यह पर्व आपके जीवन में खुशियाँ और उमंग लेकर आये .............

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  12. १०० वीं पोस्ट की बधाई.... होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  13. होली पर 100 रंग बरसाये इसके लिये बधाई ये रंग हजारों हो कर बरसें यही कामना है। सपरिवार आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  14. डबल शुभकामनायें हमारी तरफ से भी।

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  15. bahut bahut badhai ho babaji

    1.ब्लाग जगत में मो सम कौन आलसी मैं ही दूसरा कोई नहीं।
    2. मित्रों की मिठास के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं।
    bahut sunder kaha hai baba ji .ham sab aap ko ek safal blogger ke roop main dekhana chahate hai .

    blog jagat ko aap ki har post ka intizaar rahata hai...... सपरिवार आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    jai baba banaras.......................

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  16. १०० वीं पोस्ट की बधाई.... होली की हार्दिक शुभकामनाएं
    नीरज

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  17. जय बाबाजी की
    बाबाजी कृप्या उन आंटी का एड्रेस तो बतायें, मैं भी ट्राई करना चाहता हूँ कि मुझसे रंग लगवायेंगी या नहीं :)

    प्रणाम

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  18. 100 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई……………होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  19. दीपक जी बड़ा संक्षिप्त परिचय रहने के बाद भी आपने मुझे स्थान दिया है अपने प्रियों की सूची में देख के अच्छा लगा.. मेरा तो होली इसी रंग से मन गया... आपको होली की शुभकामना...

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  20. मेरे से कुछ नाम छूट रहे हो, तो कृपया अन्यथा न लें

    भई हमने तो बुरा मान लिया ..

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  21. बहुत दिनो बाद आपकी पोस्‍ट देखने को मिली। आपको बधाई।

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    Happy Holi to all of you....

    जवाब देंहटाएं

बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.