28 अग॰ 2010

शीला दीक्षित - हे दिल्ली की अर्राध्य देवी - तुम नमन है

हे हाईकमान नन्दनी, दिल्ली में आपके महंगाई जनक आदेशों से दबा हुवा शहरी होने के नाते में तुम्हे प्रणाम करता हूँ. मैडम जी, जिस प्रकार आप दिल्ली १९९८ से दिल्ली की बागडोर हाई कमान की इनायत से संभल रही हैं – उसे में अभिभूत हूँ – और आपके समक्ष नतमस्तक होकर आपको दुर्गेश नन्दनी की तर्ज़ पर हाईकमान नन्दनी के खिताब से नवाजता हूँ.

हे दिल्ली की अर्याध्य देवी- परसों आपको टी वी पर देखा था... मौका था दिल्ली के गौरव के बारे में एक गीत का विमोचन करने का, आप ‘माय री’ के पालेश सेन के साथ मंच पर थिरक रही थी. मैडम जी कित्ता अच्छा लग रहा था आपका पाश्चात्य दंग से नाचते हुवे. मैडम जी, दिल्ली जी जनता आप द्वारा आदेशित खुदे खड्डों में मर रही है...... कोई करंट लग कर मर रह है. कोई जाम में फंस कर मजबूर है – पर ये तो दिल्ली के शहरियों की भक्ति का नमूना है जो अपनी आराध्य देवी को अर्पित कर रहे हैं. आपको इन भक्तों की परवाह नहीं करनी चाहिए.

हे पक्ष-विपक्ष दिग्गज संहारनी- मैडम जी जब १९९८ में आप भाजपा का हरा कर कुर्सी पर बैठी तो कई दिग्गज आपके सन्मुख चुनोती के रूप में खड़े थे ...... पर आपने धीरे धीरे कांग्रेस और भाजपा दोनों के दिग्गजों का राजनीतिक संहार करके अपनी कुर्सी न केवल सुरक्षित की अपितु भविष्य के लिए पुख्ता भी कर ली.

हे पर्यावरण शुभ-चिन्तक वनदेवी- मैडम जी आपका पर्यावरण प्रेम भारत वर्ष में जाहिर है. आपने पर्यावरण को बचने के लिए पोलिथिन बैग पर बेन लगवा दिया. परन्तु ये सरलहृदयग्राही – आपसे मोटे-मोटे पेट वाले पोलिथिन बैग वाले व्यापारियों का दुखड़ा देखा नहीं गया ... इस वज़ह से ये कानून दिल्ली में पूर्ण रूपेण कार्यान्वित नहीं हो पाया. मैडम जी, कुछ देशभक्त लोग आपसे पोलिथिन लाबी से पैसा खाने की बात कर रही है.....पर वो करते हैं तो करे. अपन की बला से. तीसरी बार जब आपको उम्मीद नहीं थी और आप कुर्सी पर बैठ गई तो आपने ही ब्यान दिया था कि यमुना को लंदन की टेम्स नदी नहीं बनाया जा सकता है। यमुना नदी पर सभी पर्यावरणवादियों को आपने ओउकात बता दी थी.

हे विद्युतदेवी- दिल्ली में डेसू नामक एक संस्थान था – जो आज के डेंगू से भी ज्यादा खतरनाक था. आप ने डेसू को संमूल नष्ट कर के निजी बिजली कंपनियों को दिल्ली की रौशनी सौंप दी. पिछले साल दिल्ली की दो निजी बिजली कंपनियों ने कितना मुनाफा कमाया? ये पहली है और उसके बाद भी आप लगातार बयान देती रहती हैं कि दिल्ली वालों को बढ़ी हुई बिजली की दरों के लिये तैयार रहना चाहिये.

हे अपराधियों की रक्षाकवच ..... जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा को आपने पैरोल पर छोड़ा था..... आपको क्या पता था की वो होटल के पब में जाएगा. इसके लिए आपको दिल्ली उच्च न्यालय से फटकार पड़ी तो क्या. आपका रक्षा कवच तो रहना चाहिए. अफजल गुरु को ही लें – जो अपराधी सुप्रीम कोर्ट तक से सजा पा चूका था शरण में आके ही उसको चैन मिला. जिस अपराधी जो फांसी की सजा मिल चुकी थी – उसको चार-साडे चार वर्ष का जीवन दान तो आपने दी दिया. मुस्लिम होते हुवे भी तो प्रात आपके नाम की चालीसा पड़ता है.

हे मद्य देवी – मैडम जी, ये तो आपकी इनायत है की दिल्ली के शराबियों को शराब आसान कर दी. जो शराब की दुकाने ८ बजे बंद हो जाती थी – वो रात्रि १० बजे तक खुली रहती हैं. अब शराब लेने के लिए जयादा चलना भी नहीं पड़ता ...... हर एक किलोमीटर के परिधि में दूकान उपलब्ध है. और दूकान के बहार बीयर पि भी सकते हैं. आपने शराबियों की समस्याएं खत्म कर दी.

हे स्वप्नद्रष्टा- दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने का स्वप्न दिखा कर आपने खूब चुना लगाया. राष्ट्रमंडल खेलों के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रूपया भ्रष्टाचारियों की जेब में चला गया या घटिया निर्माण के कारण पानी में बह गया। आपने तो दलितों को भी नहीं बख्शा। उनके कल्याण के लिए योजनामद में रखी गई करोरो रूपए की धनराशि भी खेलों के नाम पर घपला करके हजम कर ली गई।

हे राष्ट्रगौरव ध्वजावाहक देवी- मैडम जी, आप ही के कंधे पर तो इस समय राष्ट्रगौरव की ध्वजा है. आप पर ही सारे देश और विदेश जी निगायें लगी है. आपके सभी कर्म इसी “राष्ट्रगौरव” की चादर में छिपे हैं. और आज आप पल्ला झाड रही है ....... आज आप कह रही हैं की ३ अक्टूबर तक निर्माण कार्य चलता रहेगा. इसी “राष्ट्रगौरव” के लिए दिल्ली वालों ने क्या क्या नहीं भुगता ......... पर आप पिछले २ महीनो से तारिख पर तारिख दी रहीं हैं.



फिर दिल के किसी कौने से .........
यमुना किनारे पानी में डूबी हुई झुगियों के लोगों आपने टेंट लगा कर फुटपाथ पर बसाया. भगवान आपका भला करे ........... पर पता नहीं आप कैसे भूल गई की इन लोगों से आपकी राष्ट्रमंडल खेलों में – रेशम पर टाट का पैबंद – सरीखा हो जायेगा..............

6 टिप्‍पणियां:

  1. स्तुति रोचक लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है...कैसे कोई ऐसे नेता को इतने समय तक सहन कर सकता है...आपको देल्ली के बाशिंदों की भी स्तुति करनी चाहिए...उनके धैर्य का गुणगान करना चाहिए...प्रशंशा के असली हकदार तो वो ही हैं...
    नीरज

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति या शायद स्तुति शीला जी की,
    कुछ सोनिया जी पर भी लिखिए .... .....

    एक बार इसे भी पढ़े , शायद पसंद आये --
    (क्या इंसान सिर्फ भविष्य के लिए जी रहा है ?????)
    http://oshotheone.blogspot.com

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  3. आपकी पोस्ट रविवार २९ -०८ -२०१० को चर्चा मंच पर है ....वहाँ आपका स्वागत है ..

    http://charchamanch.blogspot.com/
    .

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  4. taarikh pai taarikh,taarikh pai taarikh,taarikh pai taarikh,taarikh pai taarikh,taarikh pai taarikh,taarikh pai taarikh,taarikh pai taarikh phir bhee janta kai pyari

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  5. SHARAD BABA, MANMOHAN "BILLI" AUR SONIYA KI SHAN ME BHI KUCH PADIYE

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बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.