31 अग॰ 2010

वह खुद स्टेडियमों में झाड़ू क्यों न लगा लें, पर ये तैयार होने वाले नहीं

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि चाहे वह खुद स्टेडियमों में झाड़ू क्यों न लगा लें, वे समय पर तैयार होने वाले नहीं हैं.

मोदी ने आयोजन समिति पर व्यंग्य करते हुए कहा कि अहमदाबाद का कोई भी सरकारी निकाय खेलों के प्रारंभ होने से पहले स्थलों को तैयार करना सुनिश्चित कर लेता। उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर क्या हो रहा है। यदि प्रधानमंत्री खुद भी फर्श साफ करना शुरू कर दें, खेलों के लिए स्टेडियम तैयार होने वाले नहीं हैं। उनके पास चार साल थे लेकिन वे अभी भी जूझ रहे हैं। उन्हें यह काम अहमदाबाद नगर निगम को दे देना चाहिए था। वह इन्हें समय पर तैयार कर देता।'

मैं सलामी देता हूँ.......... गुजरात के मुख्यमंत्री .. नरेंद्र मोदी को......... ठोक कर अपनी बात रखी बिना किसी लाग लपेट के..... आखिर ४ साल मिले थे........ राष्ट्रमंडल (माफ कीजियेगा...... भ्रस्तमंडल) खेलों के लिए............ पर इन लोगों ने अंतिम समय को ही क्यों चूना .......... आज हाथ पैर फूल रहे हैं...... १ रुपे का सामान १०० रुपे में माँगा रहे हों.......... समय रहते क्यों ये सब नहीं क्या......

एक बात अगर समय रहते ये कार्य कर लेते तो कमाने के अवसर प्रदान नहीं होते.......... और इन लोगों को राष्ट्रिय गौरव कि आड़ में रूपये बनाने का पुराना नुस्का मालूम है.........

लानत भेजता हूँ इस कथित राष्ट्रीय गौरव ध्वजवाहक सेना पर .......... जब एक मुख्यमंत्री मात्र नगर निगम के दम पर ताल ठोक सकता है तो इनके पास तो दिल्ली नगर निगम, डी डी ए, पी डब्लू डी, दिली सरकार , केंद्र का शहरी विकास मंत्रालय .... और न जाने क्या क्या था............ उसके बाद भी ढाक के तीन पात........ इन्होंने खेलों के कभी दिल से लिया ही नहीं....... बस पैसा बनाने कि सोची है.......... उपर वाला देख रहा है. ............

दिल के उसी अँधेरे कोने से ....... दुस्वपन आता है ........ यमुना नदी ...... सारे स्टेडियम को घेर रही है... पानी में डुबो रही है.......... उसके हाथ में बेनर होता है “पहले मेरी जगह खाली करो” ........ पानी चारो और फ़ैल रहा है............ सोनिया गाँधी ......... मनमोहन सिंह को घूर रही है.......... मनमोहन सिंह शर्म से मरे जा रहे है ........ किसी को कुछ भी नहीं कह पा रहे हैं............. बिलकुल ............. निसहाय से............. राष्ट्रिय गौरव नाम कि पतिकाए जो .... खेलमंत्री , शहरी विकासमंत्री, दिल्ली कि मुख्यमंत्री के हाथों चिटक कर ............ पानी में बह रही है......... खिलाड़ी बीयर पि रहे है......... रहमान साहेब ऊँचा ऊँचा गा रहे है ........ बहुत तेज संगीत बज रहा है........ और हमारे पडोसी ताली बजा रहे है...............

बहरहाल जय राम जी की.........

5 टिप्‍पणियां:

  1. अजी ये खेलों में ट्वंटी ट्वंटी की तर्ज पर स्टेडियम में बार बालाओं से डांस भी करवाएंगे... और उस पे भी कमीशन खायेंगे ... हा हा

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  2. दुख तो इस बात का है दीपक जी कि यमुना में भी अब इतना पानी कहां बचा है?

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  3. एक बात अगर समय रहते ये कार्य कर लेते तो कमाने के अवसर प्रदान नहीं होते.......... और इन लोगों को “राष्ट्रिय गौरव” कि आड़ में रूपये बनाने का पुराना नुस्का मालूम है.........
    sahii kaha aapane

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बक बक को समय देने के लिए आभार.
मार्गदर्शन और उत्साह बनाने के लिए टिप्पणी बॉक्स हाज़िर है.